दिनांक - 07-09-2020
मेरे प्यारे शिक्षक
आप हैं मार्गदर्शक
ज्ञान की लौ जो लगाई मज़ा आ गया
कच्ची मिट्टी थे हम
कुम्भकार हो तुम
ऐसा आकार बनाया मजा आ गया
भूल-भुलैया सी-थी ज्ञान की ये गली
अबूझ पहेली थी मेरे लिए अनकही
आपके साथ ने, ज्ञान के प्रकाश ने
ज्योत ऐसी जलाई मजा आ गया
मेरे प्यारे शिक्षक
आप हैं मार्गदर्शक
ज्ञान की लौ जो लगाई मज़ा आ गया
छोड़कर घर-आँगन थामा आपका दामन
सार्थक बन गया ये हमारा जीवन
आपके विश्वास ने, भर दिया जोश से
ऐसे हमको सँवारा मजा आ गया
मेरे प्यारे शिक्षक
आप हैं मार्गदर्शक
ज्ञान की लौ जो लगाई मज़ा आ गया
दीपाली पंत तिवारी 'दिशा'
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