दिनांक - 15-01-2020
विधा- कविता
क्या कोई ऐसी डगर है
जो पाट दे दो दिलों की खाई
क्या कोई ऐसी डगर है
जो मिटा दे विचारों के फ़ासले
क्या कोई ऐसी डगर है
जो अंधेरों को जोड़ दे रोशनी से
क्या कोई ऐसी डगर है
जो मरने ना दे किसी को भुखमरी से
क्या कोई ऐसी डगर है
जो इंसान को मिला दे इंसानियत से
स्वरचित
दीपाली पंत तिवारी 'दिशा'
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