श्रावण मास है बड़ा निराला
मनवांछित फल दे डमरूवाला
बम-बम भोले का जयकारा
खूब लगाता काँवड़ वाला
शिव मंदिर में लगता ताँता
भक्त भोले को शीश नवाता
पंचामृत से करके अभिषेक
बेलपत्र और पुष्प चढ़ाता
भोलेनाथ हैं बहुत ही भोले
नमः शिवाय मन्त्र जो बोले
थोड़े से ही खुश हो जाते
जीवन में खुशियाँ बरसाते
सत्य ही शिव कहलाता
शिव ही सुंदर बन जाता
सच्चे मन से जो ध्यान लगाता
वो ही शिव का भक्त कहाता
स्वरचित
दीपाली पंत तिवारी 'दिशा'
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