दिनांक - 20-03-2019
मैं कर रही हूँ प्रेम की बात
जो है एक अनमोल भाव
सबको गले लगाना है
दूरियों को मिटाना है
मैं कर रही हूँ प्रेम की बात
है कण कण में इसका वास
सबको अहसास दिलाना है
मन से बैर मिटाना है
मैं कर रही हूँ प्रेम की बात
है हर रिश्ते की बुनियाद
मिलजुलकर साथ निभाना है
इसको नहीं मिटाना है
स्वरचित
दीपाली पंत तिवारी 'दिशा'
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