दिनांक - 10-07-2019
लाल-पीली, हरी-नीली
न जाने कितनी रंगीली
हाथों में जो खनकतीं
खुशी चेहरे पर दमकती
लाख,काँच, धातु-प्लास्टिक
नगों-मोतियों से सुसज्जित
विभिन्न आकार, बेजोड़ नमूने
कँवारियों-सुहागिनों के जोड़े
हर रूप-रंग में मोहतीं
ये चूड़ियाँ बहुत शोभतीं
छेड़तीं हैं अनोखी तान
स्त्रियों का बढ़ाए मान
स्वरचित
दीपाली पंत तिवारी 'दिशा'
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