दिनांक - 15-08-2019
ये तिरंगा नहीं है,
भारत की आन है
ये तो सरजमीं
हिन्दोस्तां की पहचान है
रंग केसरी वीरता की निशानी है
सफ़ेद रंग शांति की वाणी है
हरे रंग में समृद्धता और हरियाली है
नीले रंग का अशोक चक्र गतिशाली है
हाथ में थाम इसे,
बच्चा-बच्चा बोला है
वतन पर मर-मिटने वालों का
यह बसंती चोला है
रोम-रोम में जगाता है स्वाभिमान
लहराकर कहता, मैं ही हूँ हिंदुस्तान
अनेकता में भी एकता का प्रतीक
यह तिरंगा है भारतवर्ष का मान
दीपाली पन्त तिवारी 'दिशा'
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