दिनांक - 06-08-2019
प्रभु कृपा से शुभ दिन है आया
तारीख़ मुरादों वाली लाया
370 का मिटा कलंक
हुआ भारत पुनः अखण्ड
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख
भारत माँ के बेटे थे ख़ास
माँ के आँचल से दूर हुए
बरबादी को मज़बूर हुए
छल-कपट का किला हुआ ध्वस्त
आतंकी के हौंसले अब हुए पस्त
रात घनेरी बीत गई
आशा की किरणें फैल रही
जो फूल चमन से थे जुदा
वर्षों का बिछड़े फिर आन मिले
माली की मेहनत जब रंग लाई
रौनक चमन की तब लौट आई
अमन की फ़सल लह-लहाएगी
कश्मीर की वादी फिर मुस्काएगी
बचपन देखेगा नित नवीन सपने
घर लौट आएँगे सबके अपने
स्वरचित
दीपाली पंत तिवारी 'दिशा'
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