LATEST:


विजेट आपके ब्लॉग पर

Click here for Myspace Layouts

ब्लॉग भविष्यफल

विजेट आपके ब्लॉग पर

Blog Widget by LinkWithin

शुक्रवार, 16 जुलाई 2021

बाँध लूँगा मैं सूरज को

मुक्तक


बाँध लूँगा मैं सूरज को, शाम नहीं ढलने दूँगा

ठान ली रब से मैंने, उसकी ना चलने दूँगा

तू हौंसला रख मेरी बिटिया, ढाल हैं बाबा तेरी

खड़ा हूँ वक्त को थामकर, रेत-सा नहीं फिसलने दूँगा


दीपाली पंत तिवारी 'दिशा'

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें