दिनांक - 26-11-2019
मस्त, अल्हड़, बेबाक बचपन
थोड़ा सा बदमाश बचपन
तोड़कर इस जग के बंधन
उड़ने को बेताब बचपन
सीमाओं से मुक्त बचपन
ऊँची कुँलाचे भरता बचपन
सूर्य-सा नभ में चमकता
क्षितिज का आभास बचपन
इंद्रधनुष के जैसा बचपन
सतरंगी एक स्वप्न बचपन
उम्र की ढलती सांझ में
जीने की उम्मीद बचपन
स्वरचित
दीपाली 'दिशा'
बैंगलौर
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