कोयल कूके अमवा की डाली
गीत गाती मधुर-मधुर मतवाली
सावन के आने का संदेशा
देती चहुँ ओर फैली हरियाली
तीज-त्योहार की रौनक छाई
धरती ने प्यारी छवि पाई
रिमझिम-रिमझिम सावन की फुहारें
मौसम ने भी ली अंगड़ाई
अति पावन सावन का महीना
दान-व्रत का उत्तम फल दीना
बम-बम भोले के जयकारों ने
सब जग की सुध-बुध ले लीना
दीपाली पंत तिवारी 'दिशा'
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