मिटा देता है अज्ञान के अँधेरे
जला देता है ज्ञान के दीपक
खुद जलता है बनके शम्मा
तभी कहलाता है वो शिक्षक
जैसे एक मूर्तिकार सँवारता है मूरत
शिक्षक देश का भविष्य उकेरता है
ढाल के ज्ञान के साँचे में सबको
नित नई-नई ऊँचाइयाँ देता है
प्रथम सीढ़ी बनकर देता है
कल्पनाओं को सच्ची उड़ान
लड़खड़ाते हुए नन्हे कदमों में
डालता है आत्मविश्वास की जान
खुश होता है बनके नींव का पत्थर
खड़ी करता है चरित्र की उत्तम इमारत
पैदा करता है नर में कृष्ण और राम को
जो इतिहास रच बढ़ाते हैं गुरु के नाम को
जला देता है ज्ञान के दीपक
खुद जलता है बनके शम्मा
तभी कहलाता है वो शिक्षक
जैसे एक मूर्तिकार सँवारता है मूरत
शिक्षक देश का भविष्य उकेरता है
ढाल के ज्ञान के साँचे में सबको
नित नई-नई ऊँचाइयाँ देता है
प्रथम सीढ़ी बनकर देता है
कल्पनाओं को सच्ची उड़ान
लड़खड़ाते हुए नन्हे कदमों में
डालता है आत्मविश्वास की जान
खुश होता है बनके नींव का पत्थर
खड़ी करता है चरित्र की उत्तम इमारत
पैदा करता है नर में कृष्ण और राम को
जो इतिहास रच बढ़ाते हैं गुरु के नाम को
सच में शिक्षक देश का भविष्य संवारते हैं ...... अर्थपूर्ण पंक्तियाँ
जवाब देंहटाएं