भारतवर्ष एक ऐसा देश है जहाँ हर चीज का जुगाड़ है। कालेज में दाखिला हो, राजनीति में प्रवेश, रेल में सीट हो या फिर नौकरी हो हर जगह जुगाड़ चलता है। यही नही अब भगवान के दर्शन के लिये भी जुगाड़ चल गया है। यह रीति तो हमेशा से ही रही है कि नियम बनते ही उसका तोड़ ढ़ूँढ लिया जाता है. इसका एक ताजा उदाहरण समाचार पत्र में पढ़ा तो रहा नही गया. सोचा क्यो न औरों को भी अवगत करा दूँ ताकि अन्य भी इसका लाभ उठा सकें.
आगे की पोस्ट पढिये हिन्दयुग्म पर बैठक में......संग हो बच्चा, दर्शन हो अच्छा
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