दिशा जिन्दगी की, दिशा बन्दगी की, दिशा सपनों की, दिशा अपनों की, दिशा विचारों की, दिशा आचारों की, दिशा मंजिल को पाने की, दिशा बस चलते जाने की....
केण लिजी एक शब्द
पर पुर संसार छू
ईजा, यो दुनी में
ईश्वरैक अवतार छू
त्याग और ममतैक
तौ भली मूर्ति छू
घरैक सबन रिश्त
ईजा ले जोड़नी छू
ईजा आँचलैक
कै सानी नी छू
ईजा जैस कोई ले
प्राणी नी छू
स्वरचित
दीपाली पंत तिवारी 'दिशा'
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