बुधवार, 20 जुलाई 2011

बड़ों की सीख

माँ कहती है पढो-लिखो
तुम बन जाओ होशियार
काम करो नित अच्छे-अच्छे
दो जीवन को आधार

पापा भी मुझको अक्सर
यही बात समझाते हैं
बेटा मेहनत से ही हम
अपना भाग्य बनाते हैं

दादा कहते सुन लो राजू
बात हमारी ध्यान से
सदा बड़ों का आदर करना
जीना सीना तान के

दीदी मेरी बड़ी सयानी
कहती है बारम्बार
प्यारे भैया नासमझी से
न खो देना ये दुलार

मैंने भी है मन में ठानी
तोड़ूँगा ना विश्‍वास
सभी बड़ों का कहना मानूँ
बनूँगा सबका खास

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