दिशा जिन्दगी की,
दिशा बन्दगी की,
दिशा सपनों की,
दिशा अपनों की,
दिशा विचारों की,
दिशा आचारों की,
दिशा मंजिल को पाने की,
दिशा बस चलते जाने की....
शनिवार, 5 सितंबर 2009
शिक्षक
शिक्षक गैर होकर भी अपना सा लगे कोई मित्र सा मुश्किल कोई भी हो खड़ी ढूंढकर दे हल उसका डाँटता है जो कभी अच्छाई उसमें भी छिपी हारकर जो बैठे हम देता है वो होंसला ज्ञान देता है हमें मार्गदर्शक भी बने बनके दिया वो जलता है करता दूर अज्ञानता
बिल्कुल सही है ......शिक्षक ऐसा ही होता है नमन है मेरा .......इस सुन्दर रचना को
जवाब देंहटाएंहोना तो यही चाहिए - सार्थक रचना
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