सोमवार, 14 सितंबर 2009

हिन्दी दिवस

दो नावों पर पैर रखे हम
मार्डनिटी पै सवार हैं
न तो हिन्दी ठीक से जाने
इंग्लिश में भी अग्यान हैं

क ख ग घ कबके भूले
बारहखड़ी भी याद नहीं
अंग्रेजी के चक्कर में
हिन्दी भी बर्बाद हुई

राष्ट्रभाषा है हिन्दी अपनी
उसमें जीरो लाते हो
ह्रास हुआ है जब इसका
तो अब क्यों तुम चिल्लाते हो

हिन्दी-हिन्दी चिल्लाने से
होगा कुछ भी ग्यान नहीं
गलत-सलत पढ़ने-लिखने से
बढ़ता कोइ मान नही

पहले शुद्ध करो उच्चारण
शुद्ध-अशुद्ध का ग्यान करो
शंकाओं का करो निवारण
फिर हिन्दी पर मान करो

एक दिवस से क्या होगा
नित इसका अभ्यास करो
सुन्दर रचनाओं से पूर्ण
हिन्दी का इतिहास पढो़

भाषा कोइ भी हो पहले
सही ग्यान जरूरी है
विचारों के आदान-प्रदान की
भाषा ही तो धूरी है

प्रण करो अभी से सब मिलकर
भाषा का सही ग्यान करेंगे
शुद्ध लिखेंगे, शुद्ध पढेंगे
फिर खुद पर अभिमान करेंगे

6 टिप्‍पणियां:

  1. हिन्दी इसे पढ़ेगी तो प्रसन्न हो जाएगी !

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  2. आपकी रचना खुब खुब अच्छी लगी- धन्यवाद

    मै मॉ से प्यार करता हू, मोसी लिपट जाती है
    मै हिन्दी मे कहता हू उर्दू मुस्कुराती है।

    आप को हिदी दिवस पर हार्दीक शुभकामनाऍ।

    पहेली - 7 का हल, श्री रतन सिंहजी शेखावतजी का परिचय

    हॉ मै हिदी हू भारत माता की बिन्दी हू

    हिंदी दिवस है मै दकियानूसी वाली बात नहीं करुगा

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  3. बहुत उम्दा रचना!

    हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ.

    कृप्या अपने किसी मित्र या परिवार के सदस्य का एक नया हिन्दी चिट्ठा शुरू करवा कर इस दिवस विशेष पर हिन्दी के प्रचार एवं प्रसार का संकल्प लिजिये.

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  4. बहुत बढिया लिखा है .. .. ब्‍लाग जगत में कल से ही हिन्‍दी के प्रति सबो की जागरूकता को देखकर अच्‍छा लग रहा है .. हिन्‍दी दिवस की बधाई और शुभकामनाएं !!

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  5. आपका हिन्दी में लिखने का प्रयास आने वाली पीढ़ी के लिए अनुकरणीय उदाहरण है. आपके इस प्रयास के लिए आप साधुवाद के हकदार हैं.

    आपको हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनायें.

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  6. दिशा जी बहुत सुन्दर कविता है बधाई

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