शुक्रवार, 6 मार्च 2009

शुभता का प्रतीक रंगोली

मुझे बहुत गर्व होता है जब में भारतीय संस्कृति के विविध रंगों की छटा जगह-जगह देखती हूँ । शायद ये एक हिन्दुस्तानी होने का एहसास है जो मेरी तरह करोड़ों भारतीयों के दिलों में उभरता होगा । भारतवर्ष और उसकी संस्कृति इतनी विस्तृत है कि उसके अनेक पहलुओं को जानने के बाद भी उससे जुडा कोई भी तथ्य नया व अनछुआ लगता है। हमारी इसी प्राचीन संस्कृति से जुडा एक पहलु है रंगोली। रंगोली भारतीय परम्परा का एक अटूट हिस्सा है और इसे शुभता का प्रतीक माना जाता है।
रंगोली कहने-सुनने में तो सिर्फ़ तीन अक्षरों का एक छोटा सा शब्द है किंतु इसका क्षेत्र बहुत विस्तृत है। क्यूंकि भारतवर्ष एक सर्व धर्म सम्मत देश है इसलिए यहाँ अलग-अलग धर्मों अथवा क्षेत्रों में रंगोली को भी अलंकार , आलेखन, अल्पना तथा एँपण आदि विविध नामों से जाना जाता है। अपने-अपने क्षेत्रों के अनुसार ही रंगोली के डिजाईन और उसमें प्रयुक्त होने वाली सामग्री में भी विविधता पाई जाती है। रंगोली बनाने के लिए चौक ,चावल का विस्वार, अबीर-गुलाल , आटा , बुरादा , फूल आदिसामाग्री का प्रयोग होता है। यही नही आधुनिक युग में तो रंगोली के लिए सांचों आदि अनेक नवीन तकनीकियों का इस्तेमाल किया जाता है । लोग रंगोली का डिजाईन बनाने के लिए कंप्यूटर कि भी सहायता लेते हैं।
प्राचीनकालीन रंगोली में ज्यादातर देवी-देवता, पशु-पक्षी, पड़-पोधे ,फूल-पट्टी आदि के चित्र दिखाई पड़ते थे । यही नही रंगोली के माध्यम से कथा चित्रण भी होता था। आजकल मॉडर्न आर्ट का चलन है। रंगोली गोलाकार , आयताकार, त्रिभुजाकार, अंडाकार , चौकौर होने के साथ-साथ विभिन्न आकारों में भी बनाई जाती है। रंगोली को किसी निश्चित खाके में नही बांधा जा सकता। इसका सीधा सम्बन्ध हमारी कल्पना से है, और कल्पना का क्षेत्र बहुत विस्तृत है।
रंगोली का चलन प्राचीनकाल से ही चला आ रहा है । तब विभिन्न शुभ अवसरों पर रंगोली रखने का रिवाज था । यही परम्परा आज भी निभाई जाती है । पूरब हो या पश्चिम ,उत्तर हो या दक्खिन भारत कि चहुं दिशाओं में आपको रंगोली के विविध रंग देखने को मिलेंगे। लोग तीज-त्यौहार आदि शुभावसरों पर तथा प्रतिदिन प्रातकाल घर के मुख्य द्वार पर रंगोली रखते हैं।
कहा जाता है कि रंगोली के विविध रंग शुभता व समृद्धि का प्रतीक होते हैं, लेकिन मैं सोचती हूँ कि रंगोली रखने का कारन जो भी हो ,है तो यह भी हमारी भारतीय संस्कृति का एक अनूठा रंग। यही विविध रंग हम हिन्दुस्तानियों को गर्व का एहसास दिलाते हैं और हमीं हमारी परम्पराओं व जड़ों से जोड़कर रखते हैं।

भारतीयता की आन है रंगोली

कल्पना कि उड़ान है रंगोली
भावनाओं कि पहचान है रंगोली
बिखर जाएँ जो चाँद रंग धरा पर
तो प्रकृति का वरदान हैं रंगोली

संस्कृति कि शान है रंगोली
विचारों कि जुबान है रंगोली
अनेकता में एकता उकेरे
भारतीयता की आन है रंगोली

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