शनिवार, 5 फ़रवरी 2022

बसंत पंचमी

 दिनांक - 27-01-20

आया बसंत, आया बसंत

कण-कण में भरी उमंग

कोयल कूके अमवा पर

महका हुआ दिग-दिगंत


खिली हुई है फुलवारी

झूम रही डाली-डाली

खेतों में फूली सरसों

धरती पर छाई हरियाली


गुनगुनी धूप, स्नेहिल हवा

प्रकृति फैलाती है मादकता

प्रेमातुर होते सारे प्राणी

कामदेव का बाण चला


सरस्वती पूजा का विधान

इसीलिए कहते श्री-पंचमी

माघ शुक्ल की पंचमी

मनाते पर्व बसंत पंचमी


स्वरचित

दीपाली पंत तिवारी ' दिशा'

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