शुक्रवार, 16 जुलाई 2021

यादें


दिनांक - 16-01-2020

विधा - काव्य (मुक्तक)


आज फिर खुला है, यादों का सन्दूक

निकल आए हैं, ना जाने कितने किस्से

कुछ दिखा रहे हैं, बचपन की झाँकियाँ

कुछ ने छेड़े हैं, यौवन के हिस्से


स्वरचित 

दीपाली पंत तिवारी 'दिशा'

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