दिशा जिन्दगी की, दिशा बन्दगी की, दिशा सपनों की, दिशा अपनों की, दिशा विचारों की, दिशा आचारों की, दिशा मंजिल को पाने की, दिशा बस चलते जाने की....
22-11-2019
छोटे से दिल में हैं,आशाएँ बड़ी-बड़ी
दादी के चश्मे और दादा जी की छड़ी
माँ की लोरियाँ भी, पिताजी की झिड़की भी
देखो बचपन के सन्दूक में, कितनी यादें पड़ीं।
दीपाली 'दिशा'
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