गुरुवार, 15 जुलाई 2021

बेटियाँ

 दिनांक - 19-01-20 रविवार

विधा - कविता


पायल-सी खनकती

कलियों-सी महकती

धूप-सी छिटकती

रहती हैं बेटियाँ


आँगन की चिड़िया

जादू की पुड़िया

पापा की गुड़िया

होती हैं बेटियाँ


चंदा की चाँदनी

वीणा की रागिनी

गंगा सी पावनी 

कहलाती हैं बेटियाँ


स्वरचित एवं अप्रकाशित

दीपाली पंत तिवारी 'दिशा'

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