मंगलवार, 31 दिसंबर 2019

एक चाँद और अंदाज़े बयां कितने

'चाँद' तो हमेशा से ही कवियों, शायरों और लेखकों का प्रिय रहा है। ना जाने कितनी उपमाएँ 'चाँद' को लेकर दी जाती रही हैं। फिल्मी गीतों में 'चाँद' का बेहतरीन इस्तेमाल किया गया है।

* चौदहवी का चाँद हो
* चाँद को क्या मालूम
* चंदा देखे चंदा
* चाँद छुपा बादल में
* चाँद ने कुछ कहा
* चाँद जैसे मुखड़े पे बिंदिया सितारा
* चाँद मेरा दिल चाँदनी हो तुम
* वो चाँद खिला वो तारे हँसे ये रात  अजब मतवाली है
*चाँद तारे तोड़ लाऊँ सारी दुनिया को दिखलाऊँ
*ये चाँद-सा रोशन चेहरा जुल्फों का रंग सुनहरा

ये कुछ उदाहरण हैं। इससे सिद्ध होता है कि एक चाँद है और इसके अंदाज़े बयाँ अनेक हैं। ये सिलसिला अभी थमा नहीं और ना ही थमेगा। जब तक यह दुनिया रहेगी , चाँद रहेगा और  चाँद की उपमाएँ दी जाती रहेंगी।

दीपाली 'दिशा'

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें