शनिवार, 27 जुलाई 2019

तुम्हारा जाना

अभी तक तो तुम
अटकते थे बोलने से दो बोल
लेकिन अब अविराम झरते हैं
तुम्हारे मुख से शब्दों के फूल

अभी तक तो तुम
लड़खड़ाते थे, गिर पड़ते थे
लेकिन अब सध गए हैं
तुम्हारे नन्हे कदम

अभी तक तो तुम
डरते थे छोड़कर जाने से मेरा आँचल
लेकिन अब तुमने सीख लिया
बाहर की दुनिया से ताल मिलाना

आत्मविश्वास से भरा
यह तुम्हारा किरदार
तैयार है अब, इस दुनिया के लिए
हे नन्हे फरिश्ते
एक सुखद एहसास है, तुम्हारा जाना
जाओ इस घरोंदे से बाहर
अपनी एक पहचान बनाना।


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