मंगलवार, 4 जून 2013

पर्यावरण

सघन वन और घटा घनघोर
नभ पे छाई लालिमा चहुँ ओर
पर्वतों से नदियाँ निकलती
डालियों पर कलियाँ खिलती
देखकर सब दंग हैं
ये सब पर्यावरण के अंग हैं

पंछियों का डेरा चमन में
सौंधी सुगंध बसे पवन में
बादलों से गिरता पानी
कहता कुदरत की कहानी
फूलों के जितने रंग हैं
ये सब पर्यावरण के अंग हैं

यह क्षेत्र विस्तृत है बड़ा
प्रकृति की भेंटों से भरा
भरता मन में उमंग है
ये सब पर्यावरण के अंग हैं

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