दिशा जिन्दगी की, दिशा बन्दगी की, दिशा सपनों की, दिशा अपनों की, दिशा विचारों की, दिशा आचारों की, दिशा मंजिल को पाने की, दिशा बस चलते जाने की....
रविवार, 23 अगस्त 2009
अभिनय और सौन्दर्य का अनूठा संगम
रविवार सुबह की कॉफी का एक और नया अंक लेकर आज हम उपस्तिथ हुए हैं। वैसे तो मन था कि आपकी पसंद के रक्षा बंधन गीत और उनसे जुडी आपकी यादों को ही आज के अंक में संगृहीत करें पर पिछले सप्ताह हुई एक दुखद घटना ने हमें मजबूर किया कि हम शुरुआत करें उस दिवंगत अभिनेत्री की कुछ बातें आपके साथ बांटकर.फिल्म जगत में अपने अभिनय और सौन्दर्य का जादू बिखेर एक मुकाम बनाने वाली अभिनेत्री लीला नायडू को कौन नहीं जानता. उनका फिल्मी सफर बहुत लम्बा तो नहीं था लेकिन उनके अभिनय की धार को "गागर में सागर" की तरह सराहा गया. लीला नायडू ने सन १९५४ में फेमिना मिस इंडिया का खिताब जीता था और "वोग" मैग्जीन ने उन्हें विश्व की सर्वश्रेष्ठ दस सुन्दरियों में स्थान दिया था. आगे पढ़ें मेरी कलम से हिन्दयुग्म पर आवाज में...रविवार सुबह की कॉफी और कुछ दुर्लभ गीत
आभार
जवाब देंहटाएंगणेशचतुर्ती पर हार्दिक मगलकामनाऍ।
यह पढने के लिये किल्क करे।
हिन्दी ब्लोग जगत के चहूमुखी विकास की कामना सिद्धिविनायक से
मुम्बई-टाईगर
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