सोमवार, 27 जुलाई 2009

रक्षाबंधन

एक सूत्र है
प्यार, रक्षा के विश्वास का
विश्व बन्धुत्व के भाव का
सर्व मंगल कामनाओं का
अपनों की भावनाओं का


एक बंधन है
जो बढा़ये भाईचारा
कहे पूरा देश है हमारा
तोड़े धर्म-जाति के बंधन
जोड़े जन से जन का मन

एक रिश्ता है
नारी का नर से
रक्षा के वर से
स्वच्छ और पवित्र
गंगा जल जैसे

3 टिप्‍पणियां:

  1. आपके ब्लॉग पर आना सुखद एहसास रहा.. बहुत अच्छा लिखती हैं आप.. Happy Blogging :)

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  2. एक रिश्ता है
    नारी का नर से
    रक्षा के वर से

    Disha aapne kavita likhne ka jo prayas kiya hai..wah man ko chhu gaya..khas kar upar ki teen line..bahut khub..likhte raho..padhte raho..

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