मंगलवार, 1 दिसंबर 2020

बुद्धिमती









ज्यों चीर बढ़ा कान्हा ने, द्रौपदी की लाज बचाई

त्यों तिकड़म भिड़ा नारी, उसे मास्क के काम लाई

उसे मास्क के काम लाई, पति को पल्लू से बाँधा

बुद्धिमती ने एक ही तीर से, दो निशाना है साधा

एक ओर तो पति परमेश्वर का साथ है पाया

दूजी ओर भटके न पति इसका जुगाड़ लगाया।


©

दीपाली पंत तिवारी 'दिशा'

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