उपन्यास सम्राट मुँशी प्रेमचंद के 128 वें जन्मदिवस पर प्रेमचंद के जीवन और उनके साहित्य पर एक दृष्टि डाल रहे हैं इन्हीं के साहित्यिक वंशज
प्रेमचंद सहजवालातीन दिन पहले प्रेमचंद की याद में कुछ लिखने के लिए जब प्रेमचंद सहजवाला से शैलेश भारतवासी ने आग्रह किया तो प्रेमचंद जी ने दिल्ली के कई पुस्तकालयों में अपने दो दिन लगाकर यह विश्लेषण भेजा। आगे की पोस्ट हिन्दयुग्म
पर कहानी कलश में
प्रेमचंद यह नाम कभी भुलाया नहीं जायेगा
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चाँद, बादल और शाम
हिन्द युग्म पर जाते हैं विस्तार से पढ़ने ।
जवाब देंहटाएंप्रेमचंद..एक महान हस्ती..एक एक शब्द मे जिनके जादू था..
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