दिशा जिन्दगी की, दिशा बन्दगी की, दिशा सपनों की, दिशा अपनों की, दिशा विचारों की, दिशा आचारों की, दिशा मंजिल को पाने की, दिशा बस चलते जाने की....
गुरुवार, 11 जून 2009
एम.आर.पी.के ऊपर भी कीमत
सभी कहते है कि बंगलौर शहर बहुत महँगा है ,लेकिन तब हमें लगता था कि आजकल तो महंगाई हर जगह है फिर लोग न जाने क्यों बंगलौर के लिए ऐसा कहते है। बंगलौर आने के बाद हमारी आँखें धीरे-धीरे खुलने लगीं हैं।हमने देखा ,यहाँ तो लोग कदम-कदम पर आपको लूटने के लिए तैयार बेठे हैं । अगर आपको जरा भी जानकारी न हो तो ये लोग दो रुपए कि चीज बीस रुपए में और बीस रुपए कि चीज दो सौ रुपए में थमा दें। यही नही यहाँ आकर ही हमने देखा कि ये तो एम.आर.पी.के ऊपर भी ग्राहक से कीमत वसूलते हैं। जी हाँ , मैं सच कह रही हूँ। अगर आप डेयरी के अलावा दूध/दही कहीं और से लेते हैं तो वो दूकानदार आपसे एम.आर.पी. के ऊपर ५०पैसे ज्यादा लेगा। विरोध करने पर दूकानदार जबाव देता है कि हमें भी तो डेयरी वाले एम.आर.पी.पर देते हैं तो दुकान में दूध/दही रखने कि कीमत तो हम भी वसूलेंगे। एक तरफ़ तो सरकार "जागो ग्राहक जागो " के नारे लगाती है वहीं दूसरी और कंपनी वाले अपनी आँखें मूंदे हुऐ हैं। उपभोक्ता करे तो क्या करे? वो ख़ुद तो जाग जाता है लेकिन कंपनी वालों को कैसे जगाये ? ऐसा तो हो नही सकता कि वो लोग इन बातों से अंजान हों ।
m.r.p. to maximum retail price hota h. lekin is desh me jyadar jagaho par maximum daam par hi chije milti h. jo magazine university gate par 20% discount par milti h whi magazine dusari jagah MRP par. yhi hal har sector ka h, kapada,davayi, stationary etc etc
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