दिशा जिन्दगी की,
दिशा बन्दगी की,
दिशा सपनों की,
दिशा अपनों की,
दिशा विचारों की,
दिशा आचारों की,
दिशा मंजिल को पाने की,
दिशा बस चलते जाने की....
सोमवार, 23 मार्च 2009
मंहगाई
देखिये आजकल का जमाना मुश्किल है घर का खर्च चलाना बाहर जब भी जाते हैं दाम बड़े हुए पाते हैं मंहगाई ने निकाला हमारा दिवाला जो हाल मेरा वही हाल तुम्हारा ये तो है घर-घर की कहानी दाम बदना है इसकी निशानी
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