गुरुवार, 31 जुलाई 2014

दोस्तों के नाम






भूल न पाएँगे ए यारों, यूँ हम तुमको

है यकीं तुम भी, न भुला पाओगे हमको

जब-जब यादों का, हंसी कांरवाँ गुजरेगा

हर एक मंजर तब, फिर से जी उठेगा

चेहरे की मुसकान सब, राज़ खोल देगी

हम सबके दिलों के, तार छेड़ देगी

वो मस्ती के पलछिन, वो गुज़रा जमाना

हम रखेंगे याद, और तुम भी न भूल जाना